वृंदा-विष्णु लांवा फेरे

धुन: रेश्मी सलवार ते कुर्ता जाली दा ।

बैठे दोनों सज-धज, नेड़े नेड़े ने।
होंण लगे वृंदा-विष्णु दे फेरे ने॥

इक सांवरा ते इक गोरी।
बड़ी सुन्दर सोहनी जोडी॥

चर्चे इस जोड़ी दे चार चुफेरे ने – होंण लगे….

वृंदा वरमाला पाई।
वृंदा वरयो हरिराई॥

बरसे रंग रस कलियां फुल बथेरे ने – होंण लगे…..

मंगल धुन वेदां गाई।
हर वैदिक रीत निभाई॥

वर वधु ने लए वेदी दे फेरे ने – होंण लगे……

होई शगणां नाल विदाई।
डोली बैकुंठ विच आई॥

गीत ‘‘मधुप’’ दे गूंजे चार चुफेरे ने – होंण लगे….. ।

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

कामिका एकादशी

बुधवार, 31 जुलाई 2024

कामिका एकादशी
मासिक शिवरात्रि

शुक्रवार, 02 अगस्त 2024

मासिक शिवरात्रि
हरियाली तीज

बुधवार, 07 अगस्त 2024

हरियाली तीज
नाग पंचमी

शुक्रवार, 09 अगस्त 2024

नाग पंचमी
कल्कि जयंती

शनिवार, 10 अगस्त 2024

कल्कि जयंती
पुत्रदा एकादशी

शुक्रवार, 16 अगस्त 2024

पुत्रदा एकादशी

संग्रह