भजन करो भाई हरि का सुखदाई,
ओ ही पार करे उद्धार करे, जिसने भी लगन लगाई।
भजन करो भाई…..

भक्तो की प्रभु सुनते है सदा,
भक्तो को तारने आए थे,
जंगल में भीलनी सबरी के,
ओ झूठे बेर भी खाए थे,
करुणा के धाम ओ है श्रीराम रघुकुल के है रघुराई,
भजन करो भाई……

केवल दो कच्चे धागों से,
द्रोपति ने बांधा था बंधन,
द्रोपति ने ध्यान लगाया तब,
जब हो रहा था चीर हरण,
जल्दी से ओ आए अपनी लीला दिखाए, बहना की लाज बचाई,
भजन करो भाई हरि का सुखदाई……

Author: डॉ सजन सोलंकी

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