तेरा जी मैं तेरा जी
तेरा जी मैं तेरा जी मेरे गुरुवर मैं तेरा जीकई जन्मा तो बाद होया है अज सवेरा जीतेरा जी मैं तेरा जी मेरे गुरुवर मैं तेरा जी पापा दी है धुंद सी छाई,दिसदा ना मेनू...
तेरा जी मैं तेरा जी मेरे गुरुवर मैं तेरा जीकई जन्मा तो बाद होया है अज सवेरा जीतेरा जी मैं तेरा जी मेरे गुरुवर मैं तेरा जी पापा दी है धुंद सी छाई,दिसदा ना मेनू...
साईं जी मेरे नाल ने वे सुख विच वे नाल दुःख विच वे नालमेरा रखदे सदा ख़याल वेसाईं जी मेरे नाल ने वे एहसास कदी न होया के जग विच इकला हांफड के मैं हर...
कर दे सभी पे उपकार,गुरु जी दुखिया खड़े जो तेरे द्वार हियाकर दे सभी पे उपकार बिन तेरी मर्जी इक भी पता कभी न गिरे डाल पेअपने भगत की बिगड़ी बना के पल में जीवन...
जींद मेरीये तू ऐवे न गबराया कर गुरु जी दा ध्यान लगाया कर,जद कुछ भी नजर ना आवे ते नजारा उस वल घुमाया करजींद मेरीये जींद मेरीये तू सब ते मेहरा करदा ऐ साडी भी...
दो पल का रेन बसेरा याहा ये जगत मुसाफिर खाना हैअभिमान करे काहे बंदे नही याहा पे सदा ठिकाना हैदो पल का रेन बसेरा याहा ये जगत मुसाफिर खाना है क्या लाया क्या ले जाएगाना...
मन जुडेया सतगुरु नाल नि मैं सद केनि मैं सद केहर वेले नि हर हाल नि मैं सद केमन जुडेया सतगुरु नाल नि मैं सद के एह्दर वेखा ओह्दर वेखा नीचे उपर वेखापूरब पशिम उतर...
मेरे गुरु जी दया करदो अपनी संगत नु दर्शन दोसब ते किरपा गुरु जी करदो अपनी संगत नु दर्शन दो, बड़े मंदिर ते द्वार खोल दो अपने भगता ते किरपा करो,कट देयो दुखा दी एह...
गुरुजी दरस बिन जिया मोरा तरसे,गुरु जी मेरे नैनन में जल बरसे ,गुरु जी दरस बिन जियरा मोरा तरसे, मैं पापन अब उनकी दासी,कैसे करें प्रभु निज की दासी,काया कपत है तेरे डर से,, होगुरुजी...
साडे घर आओ गुरु जी साडे घर आओआओ जी गुरु जी साड़ी कुटियाँ च आओजेह्डा रुखा सुखा बनेया ओहदा भोग लगाओ जीआओ जी गुरु जी साड़ी कुटियाँ च आओ कुटियाँ च आओ गे ते पलका...
हरी हरी हरी अराधाना अमृत वेले जागना,तेरे दर आ गया,किता मन अरपन तेनु बख्श दे दातेया,सेवा ते सिमरन मैनु बख्श दे दातेया,सेवा ते सिमरन मैनु सतिगुरु जी हथ सिर ते थर दे,मन नीवा मत उची...
तर्ज- बनाके क्यों बिगाड़ा रे बिगाड़ा रे नसीबा गुराजी मोहे दीना रे हा दीना रे गुरूवर ज्ञान यह मुझको जब मैं आया था दुनिया में रहा ज्ञान विना हीना रेआप बिना कोई दूजा ना देखा...
गुंराजी से मिलिये हॉ, चालो दिवाना देश संत सदा उपदेश लखावे, दिल अंदर दीदार करावे,तन मन अर्पण करिए हो जो कोई हरिजन पहला जागे, चार चौक अनहद के आगेअब छल कदियन करिये हो सूक्ष्म सेल...