जयकारा शेरोवाली का,
बोल साचे दरबार की जय,
जयकारा पहाड़ोवाली का,
बोल साचे दरबार की जय॥

शेरोंवाली माँ तेरी सदा ही जय,
ओ मेहरो वाली माँ तेरी सदा ही जय,
ओ ज्योतावाली माँ तेरी सदा ही जय,
ओ मंदिरों वाली माँ तेरी सदा ही जय……

विघता दुर्गे वैष्णो तेरा भवन गुफा के बीच,
हाथ फैला के शहंशा माँगे तुमसे भीख जय माँ,
जय माँ जय माँ जय माँ,
जय माँ जय माँ जय माँ,
जय माँ जय माँ जय माँ जय जय माँ…..

दाती ये वरदाति ये सिमरे तेरे नाम,
बारबार बन बिना तुझे बारबार प्रणाम जय माँ….

मैय्या तेरे दरबार में,
हो माँ तेरे दरबार में,
मैया तेरे दरबार में लगी संतो की भीड़..भीड़,
चरण धूल जो ले गया उज्जवल हुवा शरीर जय माँ,
जय माँ जय माँ जय माँ,
जय माँ जय माँ जय माँ,
जय माँ जय माँ जय माँ जय जय माँ…..

माता जाके वालिये हे माँ,
माता जाके वालिये तेरा हो रहा जग महान,
लौंग सुपारी नारीयल भेट करो परवान जय माँ…..

बदलाता प्रसाद को तेरी शक्ति है अप्सी,
माता ज्वाला बदलदो गरदिश में तकदीर जय माँ,
जय माँ जय माँ जय माँ,
जय माँ जय माँ जय माँ,
जय माँ जय माँ जय माँ जय जय माँ…..

जग बांटे प्रसाद माँ,
जग बांटे प्रसाद माँ,
जग बांटे प्रसाद माँ,
जग बांटे प्रसाद माँ और करे पुण्यदान,
तू बांटे सुख संपत्ति अन, धन और संतान माँ…..

चरणों में गंगा बसी शीश सुहावे ताज,
चार कुट तेरी मेहमा त्रैलोकी में विराज जय माँ,
जय माँ जय माँ जय माँ,
जय माँ जय माँ जय माँ,
जय माँ जय माँ जय माँ जय जय माँ…..

रोम रोम में तू आधार, रोम रोम में तू बसे,
सर पे तेरा हाथ उसकी नाव ना डुबती,
तू हो जिसके साथ जय माँ….

फानी भक्त ये द्वार पे खड़े तेरे है माँ,
सुने सभी की बात तू तेरी क्या है बात जय माँ,
जय माँ जय माँ जय माँ,
जय माँ जय माँ जय माँ,
जय माँ जय माँ जय माँ जय जय माँ,
जय माँ जय माँ जय माँ,
जय माँ जय माँ जय माँ,
जय माँ जय माँ जय माँ…..

Author: Unknown Claim credit

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