गणपति मेरी बिगड़ी बना दो काट दो गम के मेरे ये साए,
लेके फरयाद दर पे खड़ी हु
बस तुम ही तुम हो मेरे सहाये
गणपति मेरी बिगड़ी बना दो काट दो गम के मेरे ये साए,
गोरा माँ के तुम्ही लाडले हो पुत्र शिव की कहे तुम को दुनिया,
मुखड़ा प्यारा लगे तेरा भगवन
रिधि सीधी भी तुम में समाये
गणपति मेरी बिगड़ी बना दो काट दो गम के मेरे ये साए,
ज्ञान भुधि के तुम हो विध्याता मेरा तुझसे है जन्मो का नाता,
हाथ करुना का रख के घ्जानंद तार देते हो तुम बिन बताये
गणपति मेरी बिगड़ी बना दो काट दो गम के मेरे ये साए,
जो भी आता तेरे दर पे भगवन
झोलियाँ उसकी जाती न खाली
मनीष पांडे है तेरा दीवाना
तेरी भगती का लिखे तराना
गणपति मेरी बिगड़ी बना दो काट दो गम के मेरे ये साए,
Author: Unknown Claim credit