गौरी लाल सब नूँ निहाल कर दिंदा ऐ,
हल सारे दिलां दे सवाल कर दिंदा ऐ,

सारेया तों पहला सारे पूजा ऐहदी करदे,
हत्थ जोड़ दोवें सिर चरणां च धरदे,
पा के झोली विच खैरा, मालामाल कर दिंदा ऐ…..

श्रद्धा दे नाल जेहड़ा एसनू ध्याउंदा ऐ,
लडुयाँ दा भोग गणपति नूँ लगाउँदा ऐ,
दे के खुशियां सदां लाई, खुशहाल कर दिंदा ऐ…..

मैं कमली कोजी, जिसे कम न जोगी,
आन डिग्गी दर तेरे,
सबनां गल्लां दा मालिक तुहियों, सबै ऐब छुपा लई मेरे

गौरीलाल रखे सदां लाज है देव दी,
बदल है दित्ती रेखा मंदडे नसीब दी,
तू दुखां ते मुसीबतां दी टाल कर दिंदा ऐ…..

Author: Pandit dev Sharma

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

अहोई अष्टमी

गुरूवार, 24 अक्टूबर 2024

अहोई अष्टमी
बछ बारस

सोमवार, 28 अक्टूबर 2024

बछ बारस
रमा एकादशी

सोमवार, 28 अक्टूबर 2024

रमा एकादशी
धनतेरस

मंगलवार, 29 अक्टूबर 2024

धनतेरस
मासिक शिवरात्रि

बुधवार, 30 अक्टूबर 2024

मासिक शिवरात्रि
नरक चतुर्दशी / रूप चतुर्दशी

गुरूवार, 31 अक्टूबर 2024

नरक चतुर्दशी / रूप चतुर्दशी

संग्रह