जय जय गणपति बप्पा
जय जय गणपति बप्पा
जय जय मंगलमूर्ति की मन से बोलिये
गणपति बप्पा मोरया मंगलमूर्ति मोरया |
जय जय मंगलमूर्ति की मन से बोलिये
गणपति के भक्तों न कभी भी डोलिये |
जय जय मंगलमूर्ति की मन से बोलिये
गणपति के भक्तों न कभी भी डोलिये
गणपति के भक्तों न कभी भी डोलिये |
जय जय गणपति बप्पा
जय जय गणपति बप्पा…..

भक्तों का रखवाला है ये चारभुजा धारी
इसके पावन चरणों में है झुकती दुनिया सारी
झुकती दुनिया सारी झुकती दुनिया सारी |
गजानन भगवन के दर की जो भी करेंगे सेवा
गौरीनंदन उनको देंगे साँचे सुख का मेवा
साँचे सुख का मेवा साँचे सुख का मेवा |
भक्ति और भावना की सुधा घोलिये
गणपति बप्पा मोरया मंगलमूर्ति मोरया |
भक्ति और भावना की सुधा घोलिये
गणपति के भक्तों न कभी भी डोलिये
गणपति के भक्तों न कभी भी डोलिये ||

विघ्न विनाशक एक दन्त का नाम बड़ा सुखदायी
शरणागत के दुखभंजन के सुख की दौलत पाई
सुख की दौलत पाई सुख की दौलत पाई |
मूषकबाहु पे चढ़के ये तीन लोक में घूमें
पग पग गति की अनुपम धूलि सूरज चंदा चूमे
सूरज चंदा चूमे सूरज चंदा चूमे |
कभी अपने मन की भी आँखे खोलिये
गणपति बप्पा मोरया मंगल मूर्ति मोरया |
कभी अपने मन की भी आँखे खोलिये
गणपति के भक्तों न कभी भी डोलिये
गणपति के भक्तों न कभी भी डोलिये ||

शिव के राजकुँवर की करलो सच्चे मन से पूजा
तीन तरफ जग की सृष्टि में और नहीं है दूजा |
और नहीं है दूजा और नहीं है दूजा |
रिद्धि सिद्धि का ये स्वामी |
दया की दृष्टिवाले
सुख सम्पदा वहाँ पे बरसे उड़ते बादल काले
उड़ते बादल काले उड़ते बादल काले |
वरष के तराज़ू में न इसे तोलिये
गणपति बप्पा मोरया मंगल मूर्ति मोरया |
वरष के तराज़ू में न इसे तोलिये |
गणपति के भक्तों न कभी भी डोलिये
गणपति के भक्तों न कभी भी डोलिये |
जय जय मंगलमूर्ति की मन से बोलिये
जय हो ||
गणपति के भक्तों न कभी भी डोलिये
गणपति के भक्तों न कभी भी डोलिये
गणपति के भक्तों न कभी भी डोलिये
जय जय गणपति बप्पा
जय जय गणपति बप्पा
जय जय गणपति बप्पा……..

Author: नरेन्द्र चंचल

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