विघन हरण मंगल करण,
दीनन दीन दयाल,
प्रथम निमंत्रण आप को,
अरे गिरिजा के लाली……

गौरी नंदन गजबदन,
कर्ण स्वामी दुख हरानी,
लम्बोदर प्रभु अंकुश धारी,
मूषक वाहन करके सवारी,
आए है मेरे आगन,
गौरी नंदन गजबदन,
कर्ण स्वामी दुख हरानी….

तीजा गौरा रही उपासिक,
पूजा विश्वनाथ अविनाशी….

शुक्ल भद्र पद पवन महिना,
बांके शिव चरण की दासी….

शिव को मन मंदिर में बैठा के,
गिरिजा मां को ध्यान लगाके,
मंगा सुंदर सा ललन….

गौरी नंदन गजबदन,
कर्ण स्वामी दुख हरानी….

मात पिता की करके सेवा,
बंगये देवन के भी देवा….

अपने भक्त जन के घर में,
आने पाए मोदक मेवा….

हम लचर है भक्त तुम्हारे,
पद गए तुम्हारे चरण….

गौरी नंदन गजवंदन,
कर्ण स्वामी दुख हरानी….

रिद्धि सिद्धि को भी लाए,
सोटे मेरे भाग्य जगाये….

गणपति ज्ञान दिवैया स्वामी,
आए मेरे द्वारे आए….

ये बेनाम पुकार रहा था,
कबसे बात निहार रहा था,
द्वारे लागे राज नयन…

गौरी नंदन गजवंदन,
कर्ण स्वामी दुख हरानी….

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

गणेश चतुर्थी

शनिवार, 07 सितम्बर 2024

गणेश चतुर्थी
राधा अष्टमी

बुधवार, 11 सितम्बर 2024

राधा अष्टमी
दुर्वा अष्टमी

बुधवार, 11 सितम्बर 2024

दुर्वा अष्टमी
परिवर्तिनी एकादशी

शनिवार, 14 सितम्बर 2024

परिवर्तिनी एकादशी
ओणम/थिरुवोणम

रविवार, 15 सितम्बर 2024

ओणम/थिरुवोणम
पितृपक्ष प्रारम्भ

मंगलवार, 17 सितम्बर 2024

पितृपक्ष प्रारम्भ

संग्रह