चलो गुरुदेव के सपने सजाने की शपथ ले लें,
सुख ईश्वर धाम से वसुधा बनाने की शपथ ले लें ,
चलो गुरुदेव के सपने, सजाने की शपथ ले लें,

जहां हो रूढ़ियां फैली, बहुत गहरा अंधेरा हो,
न जिसने ने आज तक देखा, कभी उज्जवल सवेरा हो,
हृदय में स्नेह भरकर ज्योति लेकर, ज्ञान की स्वर्णिम,
स्वयं जलकर धरा को, जगमगाने की शपथ ले लें,
चलो गुरुदेव के सपने, सजाने की शपथ ले लें,

पताका देव संस्कृति की, स्वयं हर देश में लेकर,
दवा हर रोग की गुरु के, सहज संदेश में लेकर,
नगर औ गांव में, घर में, डगर के बीच जाएंगे,
अलख गुरुदेव का घर-घर, जगमगाने की शपथ ले लें,
चलो गुरुदेव के सपने, सजाने की शपथ ले लें,

भयंकर आगफैलीहै, जरा सी देर घातक है,
हवा बिल्कुल विषैली है, जरा सी देर घातक है,
इसी पथ से लोकसेवा में, लगायेंगे समय अपना,
पुनः इस विश्व बसुधा को, सजाने की शपथ ले लें,
चलो गुरुदेव के सपने, सजाने की शपथ ले लें,

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