मेरे गुरु ने लोह लगा दी मेरा बेठन ने जी करता,
गुरु जी मने पार तार दे फिर रोज रोज आउंगी,

कोई किसे का सुथरा को न चाहे कितना धंधा करले
गुरु जी मने पार तार दे फिर रोज रोज आउंगी,

कोये किसी की सासु को न चाहे कितनी सेवा करले,
गुरु जी मने पार तार दे फिर रोज रोज आउंगी,

कोई किसे का बेटा को चाहे कितना भी दूध पीला ले,
गुरु जी मने पार तार दे फिर रोज रोज आउंगी,

कोई किसे की बहु कोई न चाहे सारा घर सौंप दे ,
गुरु जी मने पार तार दे फिर रोज रोज आउंगी,

कोई किसे की बेटी कोई न चाहे कितना देना करलो,
गुरु जी मने पार तार दे फिर रोज रोज आउंगी,

कोई किसे का मर्द नहीं है चाहे काड कालजा धार दो,
गुरु जी मने पार तार दे फिर रोज रोज आउंगी,

Author: Unkonow Claim credit

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