हे मना खुद को डुबो दे दाता के एहसास में

हे मना खुद को डुबो दे दाता के एहसास में

हे मना खुद को डुबो दे,
दाता के एहसास में,
तू ही तू, सुमिरण ही हो हर,
आते जाते स्वाँस में,
हे मना खुद को डुबो दे ।

मैं हूँ ऊँचा, मैं हूँ सच्चा,
ना करो अहंकार रे,
साहिब के दरबार में तो,
चलता भक्ति प्यार रे,
काहे दौड़े रात दिन तू,
माया की तलाश में,
तू ही तू, सुमिरण ही हो हर,
आते जाते स्वाँस में,
हे मना खुद को डुबो दे ।

आए दुःख तो तू घबराए,
फिर प्रभु को याद करे,
याद ना करता इस मालिक को,
पल पल जो इमदाद करे,
प्रभु नहीं है दूर तुझसे,
है करनी विश्वास में,
तू ही तू, सुमिरण ही हो हर,
आते जाते स्वाँस में,
हे मना खुद को डुबो दे ।

निंदा, चुगली, बैर, नफरत,
ये नहीं शुभ कर्म हैं,
मेरी दौलत, मेरी शौहरत,
ये तो मन के भरम हैं,
सागर वो धनवान है,
नाम धन है पास में,
तू ही तू, सुमिरण ही हो हर,
आते जाते स्वाँस में,
हे मना खुद को डुबो दे ।

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी
पुत्रदा एकादशी

मंगलवार, 05 अगस्त 2025

पुत्रदा एकादशी
रक्षा बन्धन

शनिवार, 09 अगस्त 2025

रक्षा बन्धन

संग्रह