मेरे दुखा दी कहानी गुरु जी मूक दी नही
मेरे दुखा दी हनेरी कदे रुक्दी नही
मेरे अपने पराये हुए जग ह्सेया,
दुःख बोल के जे दस्या ते की दस्या
मेरे दुखा दी कहानी गुरु जी मूक दी नही

अखियाँ दी बारी विचो मीह पेया बरे सी
दर्शना दी गुरु जी मन पये तरे सी
तेरे मंदिरा दे बुहे देवा मैं गुहारियां,
हंजुआ दे नल धोवा पोड़ियाँ प्यारियां,
नित मेरे जखमा नु मेता तेनु दस्या,
मेरे दुखा दी कहानी गुरु जी मूक दी नही
दुःख बोल के जे दस्या ते की दस्या

तू है जानी जान सब कुछ तू ही जान दा,
साडे करमा दा लेखा सब तू पशान दा,
ममता दी गोदी विच अपनी बिठा ले तू
दास तेरा दुखी रहंदा चरनी लगा ले तू
तेरी हुंदे जंजाला विच काहनू फसी आ
दुःख बोल के जे दस्या ते की दस्या

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