तारेया दी लोई लोई सतगुरु आंदे ने,
भगत प्यारेया दा बूहा खडकांदे ने…

कई रूहा जागदिया ते कई रूहा सुतिया,
सुतिया रुहा नु सतगुरु आप जगांदे ने,
तारेया दी लोई लोई सतगुरु आंदे ने….

मेरेया गुरा ने मंदिर बनाया ,
सारी संगत नु बीच बुलाया,
प्रेम वाली जोत सतगुरु आप जगांदे ने,
तारेया दी लोई लोई सतगुरु आंदे ने….

मेरेया गुरा ने बाग लगाया,
चुन चुन कलियाँ मैं हार बनाया,
प्रेम वाला हार सतगुरु आप गल पांदे ने,
तारेया दी लोई लोई सतगुरु आंदे ने….

मेरेया गुरा ने लगंर लगाया,
सारी संगत नु बीच बुलाया,
प्रेम वाला भोग सतगुरु आप लगांदे ने,
तारेया दी लोई लोई सतगुरु आंदे ने….

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