वो है हनुमान जी मेरे हनुमानजी

जय हो जय जय हो बजरंग बली,
तन तो है सिंदूरी लंगोट जिनकी लाल है,
अंग व्रज अंग है हृदय में सिया राम है,
जिनका लेते ही नाम बन जाते है काम,
वो है हनुमान जी मेरे हनुमान जी…..

केसरी के नंदन है अंजनी के लाल है,
शंकर सुवन है जो संकटो के काल है,
जो है पवन तनय जिनकी सदा है विजय,
वो है हनुमान जी मेरे हनुमान जी…..

मंगलवार को धरती पे आए,
सबका मंगल करते जाए,
जय हो जय जय हो बजरंग बली…..

दुर्गम काज को सुगम बनाए,
संकट मोचन जो कहलाए,
संकट मोचन जो कहलाए…..

अतुलित बल और बुद्धि के आगर है,
शक्ति के है स्वामी,
और भक्ति के आधार है,
जो है दीनदयाल करे सबका खायल,
वो है हनुमान जी मेरे हनुमान जी…..

तन मन जिनके राम समाए,
भक्त शिरोमणि जो कहलाए,
जय हो जय जय हो बजरंग बली….

ना कोई मोती न माला भाए,
केवल राम का नाम सुहाए,
केवल राम का नाम सुहाए….

चीर के जो सीना प्रभु दरश कराए,
भक्ति है अगाध जिनकी वरणी न जाए,
जिनका एक पता जहाँ राम कथा,
वो है हनुमान जी मेरे हनुमान जी…..

भक्तों के प्यारे राम दुलारे,
जिनकी शरण सुख मिलते है सारे,
जय हो जय जय हो बजरंग बली….

जिस पर अपनी किरपा पसारे,
द्रिष्टि शनि की भी उसको सवारे,
द्रिष्टि शनि की भी उसको सवारे…..

बड़े ही अनोखे देखो मेरे भगवान है,
हाथों में पहाड़ जैसे,
पुष्प समान है,
में तो सुबह हो या शाम,
जिनका करुँ गुनगान,
वो है हनुमान जी मेरे हनुमान जी,
मेरे हनुमानजी,
मेरे हनुमानजी,
मेरे हनुमानजी…..

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी
पुत्रदा एकादशी

मंगलवार, 05 अगस्त 2025

पुत्रदा एकादशी
रक्षा बन्धन

शनिवार, 09 अगस्त 2025

रक्षा बन्धन

संग्रह