झूठी है जग की माया तोते से बोली मैना,
गैरों से मतलब क्या है अपनों से बच कर रहना……

एक राम अवध के राजा उसने भी धोखा खाया,
वो मैया भी अपनी थी जिसने बनवास दिलाया,
झूठी है जग की माया…….

एक प्रेम दीवानी मीरा उसने भी धोखा खाया,
वह राणा भी अपना था प्याले में जहर मिलाया,
झूठी है जग की माया…….

एक द्रोपति नारी अबला उसने भी धोखा खाया,
वह देवर भी अपना था भरी सभा में उतारा,
झूठी है जग की माया…….

एक जनक दुलारी सीता उसने भी धोखा खाया,
वह पति भी तो अपना था जिसने बन बन भटकाया,
झूठी है जग की माया…….

एक ऋषि पत्नी थी अहिल्या उसने भी धोखा खाया,
वह पति भी तो अपना था जिसने पत्थर का बनाया,
झूठी है जग की माया…….

एक था अभिमानी रावण उसने भी धोखा खाया,
यह भैया भी अपना था जिसने सारा भेद बताया,
झूठी है जग की माया…….

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