मैं झोली पसारे खड़ा,
जरा देखो इधर बाबा,
मेरे नैनो में आंसू है,
जरा देखो इधर बाबा….
तेरे होते क्यों दुःख पाऊ,
क्यों दर दर की ठोकर खाऊ,
मैं तो अब हु हारा,
जरा देखो इधर बाबा….
जीवन मेरा रुक सा गया है,
क्यों तू मुझसे रूठ गया है,
कुछ देदो मुझे इशारा,
जरा देखो इधर बाबा….
नजरे तुमसे हटती नही है,
नजरो से नजरे मिलती नही,
क्या तार से तार टुटा,
जरा देखो इधर बाबा….
ज्यादा कुछ नहीं तुमसे मांगू,
पहली जैसी किरपा चाहू,
इक तुलसी पत्ता हिला,
जरा देखो इधर बाबा….
तुलसी पत्ता जो मिल जाएगा,
जीवन फिर से खिल जाएगा,
संजीवन बुट्टी मिला,
जरा देखो इधर बाबा….
Author: Unkonow Claim credit