तर्ज- साजन मेरा उस पार है…

दोहा- देवता मैंने जहाँ में, श्याम सा देखा नहीं।
हैं बहुत दरबार लेकिन, श्याम के जैसा नहीं ॥
है निराला द्वारा इसका, है निराला देवता ।
मांग सकते हो तो मांगो, झोलियां है भर देयता ॥

खाटू वाले का यह दरबार है,
मांगलो जिसको जो दरकार है….

संकट मिटते हैं सब प्राणी के,
आये जो दर श्याम दानी के,
सबके लिए खुल्ला भण्डार है ।।1।।
मांगलो….

ओ जिसने भी श्याम को पुकारा है,
उसको हरदम दिया सहारा है,
अपने भक्तों से बड़ा प्यार है ।।2।।
मांगलो….

“शर्मा” चल मन मोहन का नाम ले,
आकर के चौखट उनकी थाम ले,
चरणों में करके नमस्कार है ।।3।।
मांगलो….

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

मोहिनी एकादशी

गुरूवार, 08 मई 2025

मोहिनी एकादशी
वैशाखी पूर्णिमा

सोमवार, 12 मई 2025

वैशाखी पूर्णिमा
अपरा एकादशी

शुक्रवार, 23 मई 2025

अपरा एकादशी
शनि जयंती

मंगलवार, 27 मई 2025

शनि जयंती
निर्जला एकादशी

शुक्रवार, 06 जून 2025

निर्जला एकादशी
ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा

संग्रह