दोहा –
देख लिए दुनिया के सब सुख,
देखि दुनिया दारी,
अपने और पराए देखे,
देखि रिश्तेदारी,
पेट भर गया है इन सबसे,
तोडा है दिल सबने,
तभी तो आया लख्खा शरण में,
ओ खाटु श्याम बिहारी…
श्याम चरणों में दे दो ठिकाना,
मुझे ना कुछ और चाहिए,
हां तू छलिया छैल छबीला है,
तू नटखट रंग रंगीला है,
तेरी सांवरिया सूरत प्यारी,
तुझपे जाऊँ मैं बलिहारी,
जग कहे मुझे तेरा दीवाना,
मुझे ना कुछ और चाहिए,
श्याम चरणों मे दे दो ठिकाना,
मुझे ना कुछ और चाहिए…
जिसको तू दर पे बुलाए ऐ सांवरिया,
दर से ना खाली लौटाए हे सांवरिया,
जिसको तू दर पे बुलाए ऐ सांवरिया,
दौलत शोहरत बंगला गाडी,
बाँट दो सबको महल अटारी,
मुझे भक्ति का दे दो खजाना,
श्याम चरणों मे दे दो ठिकाना,
मुझे ना कुछ और चाहिए…
दुनिया में जिनसे,
दिल लगाया है सांवरिया,
धोखा हूँ उसी से मैं खाया,
मेरे सांवरिया,
दुनिया में जिनसे,
दिल लगाया है सांवरिया,
देख लिया है है मैंने कान्हा,
मतलब का है सारा जमाना,
अपनी सेवा में मुझको लगाना,
मुझे ना कुछ और चाहिए…
क्या मैं बतलाऊँ क्या पिया है,
मुझे सांवरिया,
दुनिया का हर सुख दे दिया है,
तूने सांवरिया,
लगाके पर मुझे ऊँचा उड़ा दिया तुमने,
मैं क्या था और मुझे क्या,
बना दिया तूने सांवरिया,
दुनिया का हर सुख दे दिया है,
तूने सांवरिया,
ये लख्खा पूछे तुमसे मेरे कान्हा,
कब होगा मेरे घर आना,
बेधड़क को तुम दर्शन दिखाना,
मुझे ना कुछ और चाहिए…
श्याम चरणों में दे दो ठिकाना,
मुझे ना कुछ और चाहिए,
हां तू छलिया छैल छबीला है,
तू नटखट रंग रंगीला है,
तेरी सांवरिया सूरत प्यारी,
तुझपे जाऊँ मैं बलिहारी,
जग कहे मुझे तेरा दीवाना,
मुझे ना कुछ और चाहिए,
श्याम चरणों मे दे दो ठिकाना,
मुझे ना कुछ और चाहिए…
Author: Unknown Claim credit