चरन कमल बंदौ हरि राई।
जाकी कृपा पंगु गिरि लंघै, आंधर कों सब कछु दरसाई॥
बहिरो सुनै, मूक पुनि बोलै, रंक चले सिर छत्र धराई।
सूरदास स्वामी करुनामय, बार-बार बंदौं तेहि पाई॥
Author: Unknown Claim credit
चरन कमल बंदौ हरि राई।
जाकी कृपा पंगु गिरि लंघै, आंधर कों सब कछु दरसाई॥
बहिरो सुनै, मूक पुनि बोलै, रंक चले सिर छत्र धराई।
सूरदास स्वामी करुनामय, बार-बार बंदौं तेहि पाई॥
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शुक्रवार, 22 नवम्बर 2024
कालभैरव जयंतीमंगलवार, 26 नवम्बर 2024
उत्पन्ना एकादशीशुक्रवार, 29 नवम्बर 2024
मासिक शिवरात्रिबुधवार, 11 दिसम्बर 2024
गीता जयंतीबुधवार, 11 दिसम्बर 2024
मोक्षदा एकादशीशनिवार, 14 दिसम्बर 2024
दत्तात्रेय जयंती