नही तोरी बलजोरी राधे॥ध्रु०॥
जमुनाके नीर तीर धेनु चरावे। छीन लीई बांसरी॥१॥
सब गोपन हस खेलत बैठे। तुम कहत करी चोरी॥२॥
हम नही अब तुमारे घरनकू। तुम बहुत लबारीरे॥३॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरणकमल बलिहारीरे॥
Author: Unknown Claim credit

नही तोरी बलजोरी राधे॥ध्रु०॥
जमुनाके नीर तीर धेनु चरावे। छीन लीई बांसरी॥१॥
सब गोपन हस खेलत बैठे। तुम कहत करी चोरी॥२॥
हम नही अब तुमारे घरनकू। तुम बहुत लबारीरे॥३॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरणकमल बलिहारीरे॥
Author: Unknown Claim credit