श्री राधे गोविन्दा गोपाल, राधा वर माधव हरे ।

मोरमुकुट सिर पेच विराजे, कानन में कुण्डल छविछाजे ।
ठोड़ी पै हीरा लाल, राधा वर माधव हरे ॥१॥

बड़ी बड़ी अंखियन कजरा सोहे, लाल अधर लाली मन मोहे ।
गल वैजन्ती माल, राधा वर माधव हरे ॥२॥

मीठी मीठी वंशी बजावै, देखूं तो जियरा ललचावै।
बड़े गजब की चाल, राधा वर माधव हरे ॥३॥

यमुना किनारे कदमन छैया, श्याम चरावत डोलै गैया ।
संग सोहे ब्रज ग्वाल, राधा वर माधव हरे ॥४॥

सदा संग वषभानु दुलारी, श्रीराधा प्राणन ते प्यारी ।
रंग रंगीली बाल, राधा वर माधव हरे ॥५॥

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

मोहिनी एकादशी

गुरूवार, 08 मई 2025

मोहिनी एकादशी
वैशाखी पूर्णिमा

सोमवार, 12 मई 2025

वैशाखी पूर्णिमा
अपरा एकादशी

शुक्रवार, 23 मई 2025

अपरा एकादशी
शनि जयंती

मंगलवार, 27 मई 2025

शनि जयंती
निर्जला एकादशी

शुक्रवार, 06 जून 2025

निर्जला एकादशी
ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा

संग्रह