तर्ज – मनिहारी का भेष बनाया

सारे ब्रज में धूम मचाया,
श्याम होली खेलने आया…..

राधा कहने लगी श्याम छोड़ो अभी,
राधा कहने लगी श्याम छोड़ो अभी,
ना ना कहते भी उसने रंगाया,
श्याम होलि खेलने आया,
सारे ब्रज में धूम मचाया,
श्याम होली खेलने आया……

श्याम संग ग्वालों की आज टोली बनी,
श्याम संग ग्वालों की आज टोली बनी,
सखियों का मन घबराया,
श्याम होलि खेलने आया,
सारे ब्रज में धूम मचाया,
श्याम होली खेलने आया……

हुई रंग से सराबोर राधा रानी,
हुई रंग से सराबोर राधा रानी,
श्याम ने ऐसा रंग लगाया,
श्याम होलि खेलने आया,
सारे ब्रज में धूम मचाया,
श्याम होली खेलने आया……

श्याम के रंग से सारा ब्रज रंग गया,
श्याम के रंग से सारा ब्रज रंग गया,
फागुण ने रंग दिखाया,
श्याम होलि खेलने आया,
सारे ब्रज में धूम मचाया,
श्याम होली खेलने आया……

राधा हँसने लगी श्याम को देखके,
राधा हँसने लगी श्याम को देखके,
श्याम ने ऐसा रूप बनाया,
श्याम होलि खेलने आया,
सारे ब्रज में धूम मचाया,
श्याम होली खेलने आया……

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