भाई रे तीन लोक के नाथ बैठ लिए अर्जुन के रथ पर

भाई रे तीन लोक के नाथ बैठ लिए अर्जुन के रथ पर
अर्जुन के रथ पर बैठ लिए अर्जुन के रथ पर……

छप्पन भोग धरे हैं आगे,
दुर्योधन तू क्यों घबरावे,
भाई रे ना खाने को टाइम,
बैठ लिए अर्जुन के रथ पर…..

कौरव पांडव हुई लड़ाई,
दुर्योधन की मती बोराई,
भाई रे लीला दिखाई घनश्याम,
बैठ लिए अर्जुन के रथ पर…..

रथ पर बैठे कृष्ण कन्हाई,
अर्जुन को कुछ समझ ना आई,
भाई रे गीता सुनाई घनश्याम,
बैठ लिए अर्जुन के रथ पर…..

चाचा ताऊ कुटुंब कबीला,
मतलब कि यह सारी लीला,
अर्जुन उठाओ तीर कमान
बैठ लिए अर्जुन के रथ पर…..

लीलाधारी लीला दिखावे,
भीष्म को कुछ समझ ना आवे,
भाई रे मैं हूं सेवादार,
बैठ लिए अर्जुन के रथ पर…..

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