मंदिर में बैठी मैया,
मैया जगत खिवैया,
जो करती बेड़ा पार,
चल मिल आएं एक बार,
चल मिल आएं एक बार,
चल भक्ता मंदिर चलिए,
माता के मंदिर चलिए….

मंदिर भवन सजी पताका,
सिंघासन बैठी सजी शलाका,
लाल चूनर है सिंगार,
चल मिल आएं एक बार,
चल मिल आएं एक बार,
चल भक्ता मंदिर चलिए,
माता के मंदिर चलिए……

बोल मां के सच्चे मोती,
नैनों में जगमग ज्योति,
करती दूर अंधकार,
चल मिल आएं एक बार,
चल मिल आएं एक बार,
चल भक्ता मंदिर चलिए,
माता के मंदिर चलिए……

मां करती सिंह सवारी,
रहती दुष्ट दलन पे भारी,
करती पापी का संघार,
चल मिल आएं एक बार,
चल मिल आएं एक बार,
चल भक्ता मंदिर चलिए,
माता के मंदिर चलिए……

श्रद्धा भाव हो जो मन में,
मैया दुख दूर करेगी क्षण में,
कृपा पानी हो जो अपार,
राजीव चल मिल आएं एक बार,
चल मिल आएं एक बार,
चल भक्ता मंदिर चलिए,
माता के मंदिर चलिए……

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

पापमोचनी एकादशी

मंगलवार, 25 मार्च 2025

पापमोचनी एकादशी
चैत्र नवरात्रि

रविवार, 30 मार्च 2025

चैत्र नवरात्रि
गुड़ी पड़वा

रविवार, 30 मार्च 2025

गुड़ी पड़वा
उगादी

रविवार, 30 मार्च 2025

उगादी
चेटी चंड

सोमवार, 31 मार्च 2025

चेटी चंड
राम नवमी

रविवार, 06 अप्रैल 2025

राम नवमी

संग्रह