घरहीं में माई के बोलइब मंदिर बनवाइब हो
मइया लाली रे चंदनी तनाइब भजन गवाइब हो

घरहीं में माई के बोलइब मंदिर बनवाइब हो
मइया लाली रे चंदनी तनाइब भजन गवाइब हो

अंगना में बेदिया बनाइब यज्ञ करवाइब हो
मईया सातो रे बहिनी के बोलइब भगतिन हो जाइब हो

सूती उठी देखि के जुडाइब पुण्य हम पाइब हो
मईया दुखवा दलिदर भगाइब सुख हम पाइब हे

चैत में पढवा कराइब पंडित बोलवाइब हो
मईया बेला फुलवा लाई के चढ़ाईब हवन कराइब हो

गैया के घीववा लेआईब दियना जराइब हो
मईया छाक लवंग के चढ़ाईब माई के मनाइब हो

गीत शिवपुरी से लिखवाइब भरत से गवाइब हो
मईया चरण में शीश झुकाइब नीत गुन गाइब हो

Author: Guru Ashish

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