काली माँ, ज्योत जगाई है,
सवाली बन दर पे आये है,
आये सर को मैं झुकाने,
तेरे दर पे हो मईया रानी।।

सुन्दर है तेरा भवन,
सुन्दर ये स्वरुप है,
कोटि कोटि तुम्हे मेरा प्रणाम है,
जो भी तेरे दर पे आया,
वो ना कभी खाली गया,
तुम्ही हो खप्पर वाली,
काली माँ, ज्योत जगाई है…..

विनती करो मंजूर, तेरी शरण आया हु,
बालक हु माँ मैं तेरा, तेरी शरण आया हु,
तेरी महिमा गाता हूँ, तुमसे आस लगाता हु माँ,
शान तेरी है निराली,
काली माँ, ज्योत जगाई है…….

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा
योगिनी एकादशी

शनिवार, 21 जून 2025

योगिनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी

संग्रह