मैया क्या कहना तू सोने के छतरो वाली है

तू सोने के छतरो वाली है तेरे द्वार का मैया क्या कहना,
जो गोद बिठा कर दिया हमें, जो गोद बिठा कर दिया हमे,
उस प्यार का मैया क्या कहना तू सोने के छतरो वाली है……

तू मालिक हैं कुल दुनिया की, तेरे देखे खजाने भरे हुए,
तुने जिसपे दया का हाथ धरा, वो सुखे वृक्ष भी हरे हुए,
तेरे हुऐ कभी जो खाली ना तेरे हुऐ कभी जो खाली ना,
भण्डार का मैया क्या कहना तू सोने के छतरो वाली है……

तेरे शाही लंगरो के दम से, माँ सारी सृष्टि पलती है,
ना बाती है ना तेल मगर, तेरी गुफा की ज्योति जगती है,
तुने रोज किये जो हम सब पर तुने रोज किये जो हम सब पर,
उपकार का मैया क्या कहना तू सोने के छतरो वाली है……

हर छाया में है छवी तेरी, तेरा जलवा खिलती धूप में है,
हम मंदमति माँ क्या जाने, तू कहाँ पे है किस रूप में है,
दुष्टों के लिए जो पकड़ी है दुष्टों के लिए जो पकड़ी है,

उस तलवार का मैया क्या कहना तू सोने के छतरो वाली है…..

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

छठ पूजा

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

छठ पूजा
कार्तिक पूर्णिमा

बुधवार, 05 नवम्बर 2025

कार्तिक पूर्णिमा
उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी

संग्रह