( तेरी कृपा से बगातो के रोशन हो रास्ते,
माँ तेरा ये दरबार यु ही सजा रहे,
भगतो पे बरसता रहे सदा माँ तेरा प्यार,
सर पर तेरा ये हाथ माँ यु ही बना रहे॥ )

दुनिया से बरोसा टूट गया किसी और पे अब एतबार नही,
मेरी माँ के जैसा कोई दरबार नहीं…..

सारी दुनिया से बढ़कर के मैंने माँ के प्यार को जाना है,
तेरे चरणों में वो जादू है के झुकता सारा जमाना है,
मेरी माँ के जैसा कोई दरबार नहीं…….

मैया तेरे दीवानों ने चौकी तेरी सजायी है,
ममता से भरी प्यारी मूरत भक्तो के मन को भाई है,
मै देखू जहा तक मेरी माँ तेरा अक्ष नजर आता है मुझे,
नजरों का मेरी दोश नही मेरे मन में तू ही समायी है,
मेरी माँ के जैसा कोई दरबार नहीं……

तू साथ रहे किस बात का गम हिम्मत मेरी बढ़ जाती है,
तेरे दर पे सर को झुकाने से शौहरत मेरी बढ़ जाती है,
मेरी माँ के जैसा कोई दरबार नहीं……

यारो मौजी को होश कहा ये दुनिया से बेगाना है,
सारी दुनिया ये कहती है ये मैया का दिवाना है,
मेरी माँ के जैसा कोई दरबार नहीं…..

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

अहोई अष्टमी

गुरूवार, 24 अक्टूबर 2024

अहोई अष्टमी
बछ बारस

सोमवार, 28 अक्टूबर 2024

बछ बारस
रमा एकादशी

सोमवार, 28 अक्टूबर 2024

रमा एकादशी
धनतेरस

मंगलवार, 29 अक्टूबर 2024

धनतेरस
मासिक शिवरात्रि

बुधवार, 30 अक्टूबर 2024

मासिक शिवरात्रि
नरक चतुर्दशी / रूप चतुर्दशी

गुरूवार, 31 अक्टूबर 2024

नरक चतुर्दशी / रूप चतुर्दशी

संग्रह