राम मेरी सच्ची सरकार
धुनः- दिल के अरमा आंसुओं में बह गए

राम ही मेरी सच्ची सरकार है।
राम बिन सूना सूना संसार है।।

शाहों का शाह पातशाह संसार का।।
राम ही इस जगत का आधार है- राम…..

अविनाशी निरभौ राम निरवैर है।।
घट घट बासी घट घट जाननहार है-राम…..

सर मेरा दर दर पै झुक सकता नहीं।।
झुकता केवल राम के दरबार है-राम….

दुनियां का दाता ‘‘मधुप’’ इक राम है।।
राम ही हम सब का पालनहार है-राम….।

Author: सुप्रसिद्ध लेखक एवं संकीर्तनाचार्य श्री केवल कृष्ण ❛मधुप❜ (मधुप हरि जी महाराज) अमृतसर

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी
गुरु गोविंद सिंह जयंती

शनिवार, 27 दिसम्बर 2025

गुरु गोविंद सिंह जयंती
पौष पूर्णिमा

शनिवार, 03 जनवरी 2026

पौष पूर्णिमा

संग्रह