अन्त भी तू

अन्त भी तू

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

अन्त भी तू आरम्भ भी तू
अन्त भी तू आरम्भ भी तू
अन्त भी तू आरम्भ भी तू
अन्त भी तू आरम्भ भी तू
हर हर शम्भू
हर हर शम्भू
हर हर शम्भू
हर हर शम्भू
अन्त भी तू आरम्भ भी तू
अन्त भी तू आरम्भ भी तू
अन्त भी तू आरम्भ भी तू
अन्त भी तू आरम्भ भी तू
विष से भरा भोला भण्डारी
लीला उसकी जग से न्यारी
विष से भरा भोला भण्डारी
लीला उसकी जग से न्यारी
दुःख हर ले जो क्षण भर में
नाम है उसका जटाधारी
अन्त भी तू आरम्भ भी तू
अन्त भी तू आरम्भ भी तू
अन्त भी तू आरम्भ भी तू
अन्त भी तू आरम्भ भी तू
हर हर शम्भू
हर हर शम्भू
हर हर शम्भू
हर हर शम्भू
शम्भू…. महादेवा

नील कंठ कालों का काल
हो.. नील कंठ कालों का काल
हाथों में फरसा धारण कपाल
मृत्यु जय शिव भोला बाबा
सागर सा दिखे विशाल
रूद्र भी तू महाकाल भी तू
रूद्र भी तू महाकाल भी तू
नीला और है लाल भी तू
अंत भी तू आरम्भ भी तू
हर हर शम्भू
हर हर शम्भू
अन्त भी तू आरम्भ भी तू
अन्त भी तू आरम्भ भी तू
अन्त भी तू आरम्भ भी तू
अन्त भी तू आरम्भ भी तू
हर हर शम्भू
हर हर शम्भू
हर हर शम्भू
हर हर शम्भू
जय महाकाल
हर हर शम्भू

Author: Meer Jasu,Sorabh Bharat

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