सूलफे कि गांठ बाबा,
आँख राखै लाल यो,
काला काला माल,
गणा प्यारा लागै सै…..

जब लागज्या सै दो धम बाबा जी,
यो शहर मैंने फेर तो सबत न्यारा लागै सै,
इन पहाड़ा की आबादी बाबा लेव सै आजादी,
मैंने कुछ दिन अपणे तू पास राखले,
इस दुनिया तै बरग्या मन भोले नाथ ,
मैंने अपणा बणाकै न तू दास राखले….

तेरे लाडा का सू बूखा मेतो गणा भोले नाथ,
जिसत लगाया दिल वा भी छोड गई साथ,
इस चिलम के धम पै यो जिणा सीख लिया,
भोले आण क न मेरा इब पकड़ ले हाथ,
सुण नन्दी की तरहा भोले मैंने भी तू ,
अपणा इब तो बणा क खास राखले…

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

गणेश चतुर्थी

शनिवार, 07 सितम्बर 2024

गणेश चतुर्थी
राधा अष्टमी

बुधवार, 11 सितम्बर 2024

राधा अष्टमी
दुर्वा अष्टमी

बुधवार, 11 सितम्बर 2024

दुर्वा अष्टमी
परिवर्तिनी एकादशी

शनिवार, 14 सितम्बर 2024

परिवर्तिनी एकादशी
ओणम/थिरुवोणम

रविवार, 15 सितम्बर 2024

ओणम/थिरुवोणम
पितृपक्ष प्रारम्भ

मंगलवार, 17 सितम्बर 2024

पितृपक्ष प्रारम्भ

संग्रह