भोले बाबा का वंदन आसन होता है,
इन्हें जल चढ़ाने से कल्याण होता है,
भोले बाबा का वंदन आसान होता है…….
ये भाँग धतुरा ही खुश हो कर खाते हैं,
कोई मेवा छप्पन जो इनको भाते हैं,
इन बेल पत्र से इनका सम्मान होता है,
इन्हें जल चढ़ाने से कल्याण होता है,
भोले बाबा का वंदन आसान होता है…….
ये प्रेम का प्यासा है और भाव का भूखा है,
शृद्धा सब की देखें, ना रुखा सूखा है,
आडम्बर करने वाला नादाँन होता है,
इन्हें जल चढ़ाने से कल्याण होता है,
भोले बाबा का वंदन आसान होता है…….
महलों में ठिकाना ना जल में बसेरा है,
चाहे गली हो या नुकक्ड़ हर जगह पे डेरा है,
हर भगत का “हर्ष” हमेशा ये ध्यान रखता है,
इन्हें जल चढ़ाने से कल्याण होता है,
भोले बाबा का वंदन आसान होता है…….v
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