भोले बाबा की गौरा बनी रे जोगनिया

भोले बाबा की गौरा बनी रे जोगनिया,
प्यासे पिया को लेने चली पनिया,
गौरा बनी रे जोगनिया,
भोले बाबा की गौरा बनी रे जोगनिया……

चलते चलते मन गौरा का,
यहाँ वहाँ था डोला रे,
शिव शंकर से मन ही मन में,
उसने था ये बोला रे,
अपनी बना ले मुझे जोगनिया,
गौरा बनी रे जोगनिया,
भोले बाबा की गौरा बनी रे जोगनिया……

बात ना मानी मेरी तो,
में धुनि यही रमाऊँगी,
बैठ हिमालय पर्वत पे में,
सदा तेरी हो जाउंगी,
अपने बाबुल को छोड़ आयी गलिया,
गौरा बनी रे जोगनिया,
भोले बाबा की गौरा बनी रे जोगनिया……

सांझ सवेरे शिव चरणों में,
में तो फूल चढ़ाउंगी,
उनके बागो की बनु मालनिया,
गौरा बनी रे जोगनिया,
भोले बाबा की गौरा बनी रे जोगनिया…..

ॐ नाम शिव जाप करुँगी,
जय जयकार मनाऊंगी,
चरण पखारूँगी भोले के,
पल पल दर्शन पाऊँगी,
मन में बसी है शिव की मूरतिया,
गौरा बनी रे जोगनिया,
भोले बाबा की गौरा बनी रे जोगनिया…..

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

छठ पूजा

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

छठ पूजा
कार्तिक पूर्णिमा

बुधवार, 05 नवम्बर 2025

कार्तिक पूर्णिमा
उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी

संग्रह