तर्ज – चल चला चल अकेला

जय जय जय भोलेनाथ,
भोले शंकर पधारो,
गौरी गणपति के साथ,
जोड़ूँ मैं हाथ,
हे त्रिपुरारी,
सदा जय होय तुम्हारी,
नाथ भोले भंडारी,
सदा जय होय तुम्हारी…..

तीनों लोको के तुम स्वामी,
हे शिव शंकर कैलाशी,
घट घट वासी अंतर्यामी,
अजर अमर हे अविनाशी,
जानो तुम मन की बात,
जानो तुम मन की बात,
भोले शंकर पधारो,
गौरी गणपति के साथ,
जोड़ूँ मैं हाथ,
हे त्रिपुरारी,
सदा जय होय तुम्हारी,
नाथ भोले भंडारी,
सदा जय होय तुम्हारी……

निर्बल को दे आप सहारे,
दुखियों के दुःख को टाले,
भक्तजनो के तुम भंडारे,
बिन मांगे ही भर डाले,
तुम अनाथो के नाथ,
तुम अनाथो के नाथ,
भोले शंकर पधारो,
गौरी गणपति के साथ,
जोड़ूँ मैं हाथ,
हे त्रिपुरारी,
सदा जय होय तुम्हारी,
नाथ भोले भंडारी,
सदा जय होय तुम्हारी……

सबको पार लगाने वाले,
मुझको भी पार लगा देना,
हे स्वामी इस अज्ञानी के,
अवगुण नाथ भुला देना,
मेरी विनती ये नाथ,
मेरी विनती ये नाथ,
भोले शंकर पधारो,
गौरी गणपति के साथ,
जोड़ूँ मैं हाथ,
हे त्रिपुरारी,
सदा जय होय तुम्हारी,
नाथ भोले भंडारी,
सदा जय होय तुम्हारी……

जय जय जय भोलेनाथ,
भोले शंकर पधारो,
गौरी गणपति के साथ,
जोड़ूँ मैं हाथ,
हे त्रिपुरारी,
सदा जय होय तुम्हारी,
नाथ भोले भंडारी,
सदा जय होय तुम्हारी……

Author: Unkonow Claim credit

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