गले नागों के हार, माथे गंगा की धार
और नंदी पर असवार
मेरे भोले बाबा आये हैं
भोले पीते हैं विष का प्याला,
और देवों का दुख हर डाला
गले….
भोले माथे पे चंदा साजे,
और हाथों में डमरू बाजे
गले…
ऊँचे पर्वत पे डाले डेरा,
मैं हूँ भोले का. भोला है मेरा
गले….
बाबा ने कौशल ने गुण है गाया,
तूने चरणों से अपने लगाया
गले….
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