पार लगाओ भोलेनाथ मेरी नैया

पार लगाओ भोलेनाथ मेरी तो सागर में पड़ी नैया……

इस दुनिया में दो ही बड़े है,
पहले पिता दूजी मात मेरी तो सागर में पड़ी नैया……

मात मेरी ने जन्म दिया है,
पिता ने ढूढा घर बार मेरी तो सागर में पड़ी नैया……

इस दुनिया में दो ही बड़े है,
पहली ससुर दूजी सास मेरी तो सागर में पड़ी नैया……

पार लगाओ भोले पार लगाओ,
ससुर हमारे व्याह कर लाए,
सासू ने सौपा घर बार मेरी तो सागर में पड़ी नैया……

इस दुनिया में दो ही बड़े है,
पहले कर्म दूजे भोग मेरी तो सागर में पड़ी नैया……

कर्म हमारे साथ चलेगा,
भोग दिलाए बीवी याद मेरी तो सागर में पड़ी नैया……

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी
पुत्रदा एकादशी

मंगलवार, 05 अगस्त 2025

पुत्रदा एकादशी
रक्षा बन्धन

शनिवार, 09 अगस्त 2025

रक्षा बन्धन

संग्रह