अखियां खोलो तो हरी देवउठनी ग्यारस आई,
देवउठनी ग्यारस आई शुभ मंगल ग्यारस आई,
अखियां खोलो तो हरी देवउठनी ग्यारस है…..
हाथों में मेरे गंगाजल लोटा,
अखियां खोलो तो हरी तुमरे चरण दिलाने आई,
अखियां खोलो तो हरी देवउठनी ग्यारस है…..
हाथ में मेरे चंदन कटोरी,
अखियां खोलो तो हरी मैं तो तिलक लगाने आई,
अखियां खोलो तो हरी देवउठनी ग्यारस है…..
हाथ में मेरे फूलों की माला,
अखियां खोलो तो हरी मैं तो हार पहनाने आई,
अखियां खोलो तो हरी देवउठनी ग्यारस है…..
हाथ में मेरे पीला पितांबर,
अखियां खोलो तो हरी मैं तुम्हें पहनाने आई,
अखियां खोलो तो हरी देवउठनी ग्यारस है…..
हाथ में मेरे भोगों की थाली,
अखियां खोलो तो हरी मैं भोग लगाने आई,
अखियां खोलो तो हरी देवउठनी ग्यारस है…..
हाथ में मेरे ढोलक मजीरा,
जागो जागो रे हरी मैं तुम्हें जगाने आई,
अखियां खोलो तो हरी देवउठनी ग्यारस है…..
Author: Unknown Claim credit