महालक्ष्मी मंत्र
ॐ महा लक्ष्मी नमोः नमःॐ विष्णु प्रयायी नमोः नमःॐ धन प्रदाय नमोः नमःॐ विश्व जन्नन्या नमोः नमः ॐ महा लक्ष्मी नमोः नमःॐ विष्णु प्रयायी नमोः नमःॐ धन प्रदाय नमोः नमःॐ विश्व जन्नन्या नमोः नमः ॐ...
मंत्र संग्रह धार्मिक कार्यों, पूजा, अनुष्ठान आदि में मंत्रों का सर्वाधिक महत्त्व है। वैसे तो मंत्रों के अर्थ इतना महत्व नहीं रखते क्योंकि विशेषज्ञों का मानना है कि मंत्रों के अर्थ में नहीं बल्कि ध्वनि में शक्ति होती है।
‘मंत्र’ का अर्थ शास्त्रों में ‘मन: तारयति इति मंत्र:’ के रूप में बताया गया है, अर्थात मन को तारने वाली ध्वनि ही मंत्र है।
वेदों में शब्दों के संयोजन से ऐसी ध्वनि उत्पन्न की गई है जिससे मानव मात्र का मानसिक कल्याण हो। जिन्हें मंत्र कहा गया है।
ये किसी व्यक्ति विशेष द्वारा नहीं लिखे गए हैं अर्थात् किसी व्यक्ति के द्वारा इनकी रचना नहीं हुई है, बल्कि वर्षों की साधना के बाद ऋषि-मुनियों ने इन ध्वनियों को सुना है। विशेषकर बीज मंत्रों के बीजाक्षरों का अर्थ साधारण व्यक्ति के लिए समझना बहुत मुश्किल है। ऐसा माना जाता है कि मंत्रोच्चारण से ऐसी शक्ति उत्पन्न होती है जो भगवान को विचलित कर सकती है।
मंत्र जाप से उत्पन्न होने वाली तरंगों से वातावरण में कम्पन्न होता है। मंत्र जप से व्यक्ति को पूरे ब्रह्मांड की एकरूपता का ज्ञान प्राप्त होता है। मन का लय हो जाता है और मन भी शांत हो जाता है। मंत्रजप के अनेक लाभ हैं – आध्यात्मिक प्रगति, शत्रु का विनाश, अलौकिक शक्ति पाना, पाप नष्ट होना और वाणी की शुद्धि आदि।
ॐ महा लक्ष्मी नमोः नमःॐ विष्णु प्रयायी नमोः नमःॐ धन प्रदाय नमोः नमःॐ विश्व जन्नन्या नमोः नमः ॐ महा लक्ष्मी नमोः नमःॐ विष्णु प्रयायी नमोः नमःॐ धन प्रदाय नमोः नमःॐ विश्व जन्नन्या नमोः नमः ॐ...
ॐ श्री श्याम देवाय नमः………. ॐ श्री श्याम देवाय नमः………. महामंत्र का जाप करो , अपने मन को साफ करो ॐ श्री श्याम देवाय नमः………. महामंत्र की कर भक्ति , तुझको मिल जाये शक्ति आत्म...
ॐ नमो हिरण्यबाहवे हिरण्यवर्णाय,हिरण्यरूपाय हिरण्यपतए ।अंबिका पतए उमा पतए पशूपतए नमो नमः॥ ईशान सर्वविद्यानाम् ईश्वर सर्व भूतानाम् ।ब्रह्मादीपते ब्रह्मनोदिपते,ब्रह्मा शिवो अस्तु सदा शिवोहम॥ तत्पुरुषाय विद्महे वागविशुद्धाय धिमहे,तन्नो शिव प्रचोदयात्।महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धिमहे,तन्नों शिव प्रचोदयात्॥ नमस्ते...
ॐ जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी।दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते॥ ॐ जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी।दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते॥
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे llll ये मंत्र है, मां चामुण्डा का,इस में मां, शक्ति समाती है,हर इक चिंता, हर इक बाधा,"इसे जपने से, मिट जाती है" l*नहीं बाल भी बांका, हो उसका llजो...
।। सिंहः प्रसेनमवधीत् सिंहो जाम्बवता हतः सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः ।। ॐ गजाननाय नमः। ॐ गजकर्णकाय नमः। ॐ गणध्याक्षय नमः। ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥ ॐ गं गणपतये नमः | ॐ...
ॐ प्राँ प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः ॥ ॥ ॐ काकध्वजाय विद्महे खड्गहस्ताय धीमहि तन्नो मन्दः प्रचोदयात ॥ || नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम् || || ॐ शं शनैश्चराय नमः ||
ॐ आं ह्लीं क्रों हुं फट् स्वाहा॥ ह्लीं बगलामुखी विद्महे दुष्टस्तंभनी धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्॥ ॐ आं ह्लीं क्रों॥ ह्रीं क्लीं ह्रीं बगलामुखि ठः॥ ॐ ह्रीं स्त्रीं हुं फट्॥ ॐ ह्लीं ॐ॥
ll प्रवररुधा चण्डकोप्तस्त्रकायेर्युतप्रसादम् तनुते माह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता ll ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः॥
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ ह्लीं बगलामुखी विद्महे दुष्टस्तंभनी धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्॥ ॐ त्रिपुरायै विद्महे महाभैरव्यै धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्॥ || ॐ पद्मद्वाजय विधमहे हेमा रूपया धीमेहे...
|| ॐ सों सोमाय नम: || || ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः || ।। श्वेतांबरः श्वेता विभूषणस्चा श्वेता धुयातिर दंडाधारो द्विबाहुहु चंद्रो मृत्युत्मा वरदः किरीती माई प्रसादम् विधातु देव:।। ।। दधि शंख तुषारबम...
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे || || देवकीनन्दनाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण: प्रचोदयात् || ॐ कृष्णाय नमः | ॐ श्री कृष्णः शरणं ममः