दरसेगा नूर दिवाने मिलेगा जरूर
टेर- दरसेगा नूर दिवाने मिलेगा जरूर, साहेव का भजन करले दरसेगा नूर गुरु से अर्ज कर पाओगे मरज जब, बीती जाए जिंदगानीचेतने की बारी बोलो हरि हरि बोलो हरि हरिअरे देही का गुमान वन्दे तज...
टेर- दरसेगा नूर दिवाने मिलेगा जरूर, साहेव का भजन करले दरसेगा नूर गुरु से अर्ज कर पाओगे मरज जब, बीती जाए जिंदगानीचेतने की बारी बोलो हरि हरि बोलो हरि हरिअरे देही का गुमान वन्दे तज...
जगत जिसका ये कुल वनाया हुआ हैवही सब घट मे समाया हुआ है और दूसरा ना तुमसा जगत मे, तुमसा जगत मेअपने मे आप ही भुलाया हुआ है हरी एक से होंगे रंग-बिरंगे ,रंग बिरंगेयह...
अब हम गुरू गम आत्म चीनाआऊ ना जाऊं मरू नहीं जन्मू ऐसी ऐसी निश्चय कीना भेख फकीरी सब कोई लेता ज्ञान फकीरी पंथ जीनाजिनके शब्द लगे सतगुरू का शीश काट धर दीना फेर ना फिरता...
सत्गुराजी से ध्यान लगा आ…आ…आ…आरे मनवा क्यो फिरता विषयो मे वीषयो मे सभी इंद्रियों को तू सम करले, इष्ट ध्यान हृदय में धरलेवहां पर सुरता आन लगा-आन लगा गगन मंडल में बाजा बाजे,राग छत्तीसो धुन...
मेरी अर्ज सुनो मेरे सतगुरु जीअसी दर दर दे ठुकराए होए आ,मेरी अर्ज सुनो मेरे सतगुरु जीथक हार के जालिम दुनिया तोअसी शरण तेरी हुन आये होए आ,मेरी अर्ज सुनो मेरे सतगुरु जी जिस दर...
ऐसा क्या काम किया हमने तेराजो मेरा हाथ तूने थाम लियामेरी जिंदगी ही बदल दी तूनेक्या ज़रा सा मैन तेरा नाम लियाऐसा क्या काम किया हमने तेराजो मेरा हाथ तूने थाम लिया इस जमाने में...
बड़ा अद्भुत नजारा हैदरबार में सतगुरु केबड़ा अद्भुत नजारा है हे किरपा सिन्धू हे करुना कर दुखियो के दुःख मिटाते थेजिनको कोई राह नही मिलती भगतो को राह दिखाते थे,डूबतो का किनारा है,बड़ा अद्भुत नजारा...
बरसा दाता सुख बरसाआंगन आँगन सुख बरसाचुन चुन कांटे नफरत के प्यार अमन के फूल खिला, कोई तन से है दुखी कोई मन से है दुखी,हे प्रभु दया करो उल्जा जहान हो सुखीसबके दुखो की...
चरना दा अमृत पी लो जीसर दाता दे दर रख लो जीचरना दा अमृत पी लो जी गुरु जी साड़े अंत सहाईगुरु जी नाल ही प्रीत लगाईप्यास जन्मा आके बुजा लो जीचरना दा अमृत पी...
हम को जो भी मिला गुरु जी से मिला न है कोई गिला क्या कहेदिल में रेहते है वो धडकनों में में भी वो रग रग में है वो क्या कहेजुड़ा ऐसा है ये नाता...
खुशहाल रहे परिवार मेरा अरदास करा,नित वसदा रहे घरवार मेरा अरदास करा एह रोनक मेले लगे रेहन बाराहा मासे,खुशियाँ ही खुशिया हों चार पासे,आबाद रहे संसार मेरा अरदास करा चिंता न कोई फिकर दिला विच...
गुरु के बिना क्या जीवन, गुरु तो देते है ज्ञान,जो गुरु को न जाने, है जीवन नरक समान, जनम लेते ही बनते गुरु, अपने माता पिता,शिक्षा लेने जहा भी जाओ, गुरु बनते माता पिता,जहाँ भी...