आओ जी आओ घर का देव मनावा भजन
आओ जी आओ घर का देव मनावापित्तरा के ढोक लगावा जीघर का देव मनावा जीआओ जी आओ घर का देव मनावा पित्तरा के नाम को गूंजे जय जय कारोपित्तरा ने ध्यावा हा जी भाग्य हमारोपिंड...
आओ जी आओ घर का देव मनावापित्तरा के ढोक लगावा जीघर का देव मनावा जीआओ जी आओ घर का देव मनावा पित्तरा के नाम को गूंजे जय जय कारोपित्तरा ने ध्यावा हा जी भाग्य हमारोपिंड...
जिस घर में होता है, पितरो का आराधनमहके जीवन बगिया, हर मौसम और पल क्षण तर्ज-होंठों से छुलो तुम.. घर के मालिक है ये, सेवा करते रहनाइनकी महिमा वर्णन, करती रहे ये रसनादेवा की किरपा...
तर्ज – बस यहीं अपराध मै हर बार करता हूँ… देव कुल के मेरे सारे, काम कर देना,हाथ जोड़े सब खड़े, उद्धार कर देना || पित्रदेव हम आपकी, करते सदा सेवा,काज सारो नाथ देवो, ऐसा...
दोहा :पीतरां न भूलां नहीं जो बाँधे या गांठ ।वे घर जाकर देखल्यो भोत घनेरा ठाठ ॥ तर्ज :खाटू को श्याम रंगीलो रे पीतरां की ज्योत सवाई जी पीतरां की,ज्योति सवाई आंकी घणी सकलाई,म्हें तो...
जय जय पितर जी महाराज,मैं शरण पड़यों हूँ थारी,शरण पड़यो हूँ थारी देवा,रखियो लाज हमारी,जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी ।। आप ही रक्षक आप ही दाता,आप ही खेवनहारे,मैं मूरख हूँ...
तर्ज : देना हो तो दीजिये जनम जनम का साथ हे पितरेश्वर आपको, प्रणवत बारम्बार,कर दो किरपा हो जाये, जीवन बगियां गुलजार ॥ कुल नायक हो आप हमारे, हरपल संग हमारे हो,विपदा के घिर आये...