पार्वती के लल्ला

गणपति आज पधारे घर मे, मच गाओ है ये हल्ला,
देखो आ गए है घर घर मे, पार्वती के लल्ला,
शिव गौरा की आंख के तारे, दिखे हैं बड़े मुटल्ला,
देखो आ गए है घर घर मे……

अरे प्रथम पूज्य गजानन तुम हो , देवों के सरदार,
तेरी कृपा हर दुःख मिट जावे, ओ मेरे सरकार,
अरे तेरे आने से हो जावे, गली गली में हल्ला,
देखो आ गए है घर घर मे……

अरे लंबोदर गजबदन कहाते, तेरी एक दंत पहचान,
तुझसा कोई जग में ना दूजा, है एसो तेरो नाम,
अरे रिद्धि सिद्धि के दाता तुम हो, मां गौरा के लल्ला,
देखो आ गए है घर घर मे……

अरे शाम सवेरे चारों पहर, मैं तेरा नाम पुकारूँ,
अरे पान सुपारी और लड्डू के, मैं तोहे भोग लगाऊं,
मूषक वाहन पे लम्बोदर, घूमें गली मोहल्ला,
देखो आ गए है घर घर मे……

सुख कर्ता दुख हर्ता तुम हो, ओ मेरे गणराज,
तेरे दर पे जो आ जावे, सफल करो सब काज,
विघ्नविनाशक विघ्नहरैय्या, शिव गौरा के लल्ला,
देखो आ गए है घर घर मे, पार्वती के लल्ला,
शिव गौरा की आंख के तारे, दिखे हैं बड़े मुटल्ला,
देखो आ गए है घर घर मे……

Author: Unknown Claim credit

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