कष्टों को जिसने पल में मिटाया वो है गजानन

देव धनुज जिन्हें शीश झुकाए
देवा की गाथा देखो मिल कर गाये
ऐसा जो मानव सब से निराला
वो है घजानन हां वो घजानन

देवा है मेरा देखो महा दानी
सब को वर देते वरदानी
दर से देवा खाली न जाता
वो है घजानन हां वो घजानन

मुस्क सवारी देखो देवा मन भाये
सेवा है करके मुश्क को प्रभु गुण गाये
ररिधि सीधी के वो स्वामी
वो है घजानन हां वो घजानन

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