गुरु जी म्हाने ज्ञान बतायो रे,
जग झूठ लखायो रे,
जग झूठ लखायो रे,
म्हाने नेछो आयो रे।

गुरुजी रैण अंधारी जी,
रजु सर्प निहारी रे,
रजु सर्प निहारी जी,
भय लागो भारी रे।।
गुरु जी म्हाने ज्ञान बतायो रे,
जग झूठ लखायो रे।

मिरगा जल दिसे रे,
कोई पिया ना पिसे रे,
कोई पिया ना पिसे रे,
जल बिश्वबीच रे,
गुरु जी म्हाने ज्ञान बतायो रे,
जग झूठ लखायो रे।

कोई सीप अनूपा जी,
कर जाण्या रूपा रे,
कर जाण्या रूपा जी,
कोई भया ना भूपा रे,
गुरु जी म्हाने ज्ञान बतायो रे,
जग झूठ लखायो रे।

बंझिया सूत झूले रे,
आकाशा फुले रे,
आकाशा फुले जी,
सुन्दर कबहु ना भूले रे।
गुरु जी म्हाने ज्ञान बतायो रे,
जग झूठ लखायो रे।

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