सजा दो घर को मंदिर सा गुरु भगवन आये है

सजा दो घर को मंदिर सा गुरु भगवन आये है

सजा दो घर को मंदिर सा गुरु भगवन आये है

पखारो इनके चरणों को बहा कर प्रेम की गंगा,
निहारो मेरे गुरु वर को सजा को भाव की कलियाँ,
बिछा दो अपनी पलकों को गुरु भगवान् आये है,
सजा दो घर को मंदिर सा गुरु भगवन आये है

उमड़ आई मेरी आँखे देख कर छोटे बाबा को ,
बड़ी प्यासी थी ये अखियां मेरे गुरु वर के दर्शन को,
हुई रोशन मेरी दुनिया गुरु भगवान् आये है
सजा दो घर को मंदिर सा गुरु भगवन आये है

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