संकट मोचक तेरा संकट हरेंगें,
तू क्यूं होवे उदास,
संकट घड़ी विकट बड़ी है ,
तो आजा बाला जी के पास,
संकट मोचक तेरा संकट हरेंगें…..

राम सिया के अति प्रिय हैं,
उनसे यह वर पाया है,
सदा बिगड़ी बनाई है उसकी,
जिसने सिया राम गुण गाया है,
तू भी गाले राम धुनि,
और बन जा उनका खास,
तो आजा बाला जी के पास,
संकट मोचक तेरा संकट हरेंगें…..

तिलक भाल पर देह सिंदूरी,
ओढा राम नाम का चोला है,
सदा होकर रहें हैं उसके,
जिसने नाम राम का बोला है,
तू भी जपले नाम राम का,
पूरी करले मन की आस,
तो आजा बाला जी के पास,
संकट मोचक तेरा संकट हरेंगें……

बजरंगबली करते सबकी भली,
संकट सारे हर लेते हैं,
जो आए चरण में रहे शरण में,
उसको सुखों का वर देते हैं,
तू भी आजा होगा राजीव तेरे,
कष्टों का भी नाश,
तो आजा बाला जी के पास,
संकट मोचक तेरा संकट हरेंगें……

Author: © राजीव त्यागी नजफगढ़ नई दिल्ली

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