जबसे किया नमन के मेरे भाग खुल गए,
मन को मिला अमन के मेरे भाग खुल गए,
जबसे किया नमन के मेरे भाग खुल गए,
जबसे किया नमन के मेरे भाग जग गए…..

खाटू वाले तेरा दर लगता है कितना सुन्दर,
सजा हुआ है फूलों से बैठे हो जिसके अंदर,
दुःख का हुआ दमन,,
दुःख का हुआ दमन के मेरे भाग जग गए,
जबसे किया नमन के मेरे भाग जग गए….

ये मेरा दिल झूम उठा, उनके चरणों को चूम उठा,
आई बहारें गुलशन में रहमत का सागर झूम उठा,
रहमत का सागर झूम उठा,,
खिलने लगे सुमन के मेरे भाग जग गए,
जबसे किया नमन के मेरे भाग जग गए….

श्याम तो ऐसी हस्ती है बसाते उजड़ी बस्ती है,
इनका हुआ अभिषेक जहाँ रहमत तो वहां बरसती है,
रहमत तो वहां बरसती है,,
नादान सत्य का कल के मेरे भाग जग गए,
जबसे किया नमन के मेरे भाग जग गए….

Author: Unknown Claim credit

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