( हार गया हूँ, टूट गया हूँ,
मुझे लेना, तुम संभाल बाबा ।
तेरे बिना, इस जग में बोलो,
कौन सुने, मेरा हाल बाबा ॥ )
खाटू श्याम, तेरा नाम,
मैं पुकारूं, सुबहो शाम ॥
मैं, दर तेरे आया, लेकर, झोली खाली,
ओ दुनियाँ के वाली, कर नजर मेहर वाली ।
ओ दुनियाँ के वाली, कर नजर मेहर वाली…
मेरी मुश्किल, का कर इंतजाम,
बन जाए काम, खाटू श्याम…
खाटू श्याम, तेरा नाम,
मैं पुकारूं, सुबहो शाम ॥
सुना है तूँ, हारे का, सहारा श्याम जी,
कितनी, जिंदगीयों को, संवारा श्याम जी ।
आखिरी, उमीद मेरी, तूँ खाटू नरेश,
मैं भी तो हूँ, किस्मत का, मारा श्याम जी ।
मैं भी तो हूँ, किस्मत का, मारा श्याम जी…
तूँ मंजिल है, तूँ ही अंजाम,
बन जाए काम, खाटू श्याम…
खाटू श्याम, तेरा नाम,
मैं पुकारूं, सुबहो शाम ॥
शीश के, दानी तूँ सबका, दाता है प्रभु,
कलियुग का, राजा, कहा, जाता है प्रभु ।
तीन बाण, धारी मुझे, रस्ता दिखा,
पल पल, मन, घबराता है प्रभु ।
पल पल, मन, घबराता है प्रभु…
मेरे, दिल का, तूँ बन आराम,
बन जाए काम, खाटू श्याम…
खाटू श्याम, तेरा नाम,
मैं पुकारूं, सुबहो शाम ॥
दिल से, फरियाद, निकली है सरकार,
डूबती, नईया को तूँ, लगा दे उस पार ।
तेरी, चौखट पे तेरा, हो के आ गया,
तेरा ही, रहूँगा, अब लख दात्तार ।
तेरा ही, रहूँगा, अब लख दात्तार…
मेरा जग में, हो रोशन नाम,
बन जाए काम, खाटू श्याम…
खाटू श्याम, तेरा नाम,
मैं पुकारूं, सुबहो शाम ॥
Author: अनिलरामूर्तिभोपाल