ग्यारस की रात फिर आयी रे
तर्ज – कैसी मुरलिया बजाई रे ग्यारस की रात फिर आयी रे,कीर्तन की रात फिर आई रे,श्याम मिलन हो रहा,ग्यारस की रात फिर आई रे,श्याम मिलन हो रहा है…… मिलती नजर तो दिल है उछलता,झुकती...
तर्ज – कैसी मुरलिया बजाई रे ग्यारस की रात फिर आयी रे,कीर्तन की रात फिर आई रे,श्याम मिलन हो रहा,ग्यारस की रात फिर आई रे,श्याम मिलन हो रहा है…… मिलती नजर तो दिल है उछलता,झुकती...
बनडो सो बण बैठ्यो श्याम प्यारो लागे है,खाटूवालो श्याम बड़ो सोणो लागे है,लखदातारी म्हारो श्याम बड़ो प्यारो लागे है…… रंग बिरंगी पेहरी माला,ऊपर पहरया चोखा बागा,सांवली सूरत म्हाने प्यारी लागे है,खाटूवालो श्याम बड़ो सोणो लागे...
तर्ज – दिल के अरमा आंसुओ में सांवरे से दिल लगा कर देखले,हाले दिल अपना सुनाकर देखले…… ज़िन्दगी तेरी सफल हो जाएगी,हर तरफ खुशिया ही खुशिया छाएगी,श्याम की ज्योति जगा कर देख ले,हाले दिल अपना...
कबसे राहें तकूँ श्याम तेरी,क्यों ली ना खबर तूने मेरी,रुक जाएंगी सांसें ये,जो तूने करी देरी…. श्याम मेरे श्याम……….श्याम मेरे श्याम………. मेरा कोई नहीं है सहारा,कहीं मिलता नहीं है किनारा,राहें जीवन की है सब अँधेरी,क्यों...
लाज बचाने वाले मेरी बिगड़ी बनाने वाले,तू ही तू ही तू है श्याम तू ही तू ही तू है….. जब जब भी विपदा आये मुझको संभाले तू,बीच भवर से बाबा मुझको निकाले तू,बन के खिवैया...
तर्ज – तुम्ही मेरे मंदिर तुम्ही मेरी बीच भंवर में नैया हमारी,हमें श्याम प्यारे जरुरत तुम्हारी,हमें श्याम प्यारे जरुरत तुम्हारी……. तेरा है भरोसा तेरा आसरा है,इतना तो प्यारे तुम्हे भी पता है,सब जानते हो हे...
सूरत सलोनी श्याम की दिल में मेरे बसी,करता हूँ मैं तो चाकरी खाटू के श्याम की,सूरत सलोनी श्याम की ………. होता नहीं है प्रेम का सौदा है दर पे श्याम,रीझे है भाव से हरी बनते...
( जीवन झूठा सपना है,मरना है एक हकीकत,श्याम का दीवाना,कर रहा है एक वसीयत || ) ऐ भक्तो मेरे मरने के बाद,इतना कष्ट उठा देना,मेरे कानो में बाबा के,जयकारे लगवा देना…… खाटू धाम के श्याम...
तर्ज – तेरा मेरा प्यार अमर तेरा हाथ है जो सर पर,मुझको फिर किस बात का डर,यूँ ही अपना हाथ सदा,बाबा रखना मेरे सर पर,तेरा हाथ हैं जो सर पर,मुझको फिर किस बात का डर…....
भाव स्यूं मंडाई बड़े चाव स्यूं मंडाई,मंडवाई मनडे नै भाई जी आ मेहँदी… मेहँदी मंडाई मैं तो बाबा थारे नाम की,हिवड़े समाई सूरत बाबा थारे धाम की,म्हारी थां स्यूं लगन लगाईं जी आ मेहँदी….. हथरच्या...
श्याम तेरा मनमोहक मुखड़ा,उस पर नैन कमाल,वाह तेरा क्या कहना,वाह तेरा क्या कहना,सिर पे मुकुट ये मणियों वाला,और घुंघराले बाल,वाह तेरा क्या कहना,वाह तेरा क्या कहना…… चमक तेरे चेहरे की जैसे निकली हर दम धुप...
फागुन का महीना मेरे रुकते नहीं है पांव,चला रे चला रे मैं चला रे अपने सांवरिया के गांव…… श्रद्धा से जाऊंगा मैं करु ना दिखावा,आया देखो आया मेरे बाबा का बुलावा,खाटू की वो गलियां पीपल...