प्रभु नाम का बंदे अमृत तू चखले,
श्रीराम भजले सिया राम जपले,
दिल से बोले जो श्रीराम, बनते उनके बिगड़े काम,
नाम पुकारो सुबहो शाम, जय रघुनंदन जय सिया राम,
दिल से बोले जो श्रीराम…..

रघु नंदन की किजै भक्ति, भक्ति से सबको मिलती है शक्ति,
सच्चे मन से याद करे जो, उसको ही मिल जाती है मुक्ति,
राम से आगे कोई न नाम,
जय रघु नंदन जय सियाराम….

बाल अवस्था खेल गवाई, और जवानी सोय बिताई,
वृद्ध भये माया उपजाई, अब जावन की बारी आई,
रटले अब तो राम का नाम,
जय रघु नंदन जय सियाराम…..

दिल से बोले जो श्री राम बनते उनके बिगड़े काम,
नाम पुकारो सुबहो शाम, जय रघु नंदन जय सियाराम….

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

हनुमान जयंती

शनिवार, 12 अप्रैल 2025

हनुमान जयंती
चैत्र पूर्णिमा

शनिवार, 12 अप्रैल 2025

चैत्र पूर्णिमा
वरुथिनी एकादशी

गुरूवार, 24 अप्रैल 2025

वरुथिनी एकादशी
मोहिनी एकादशी

गुरूवार, 08 मई 2025

मोहिनी एकादशी
वैशाखी पूर्णिमा

सोमवार, 12 मई 2025

वैशाखी पूर्णिमा
अपरा एकादशी

शुक्रवार, 23 मई 2025

अपरा एकादशी

संग्रह