आसमाँ को छू कर देखा
आसमाँ को छू कर देखा, तारों की करली सवारी,चाँद पर भी नाचें हम, की तूफ़ानों से यारी,आसमाँ को छू कर देखा, तारों की करली सवारी,चाँद पर भी नाचें हम, की तूफ़ानों से यारी….. क्या करूँ...
आसमाँ को छू कर देखा, तारों की करली सवारी,चाँद पर भी नाचें हम, की तूफ़ानों से यारी,आसमाँ को छू कर देखा, तारों की करली सवारी,चाँद पर भी नाचें हम, की तूफ़ानों से यारी….. क्या करूँ...
पराक्रम से गूँजे त्रिभुवन,धरती पातल दुस्ट भंजन,जल सागर करे पराजय क्रन्दन,त्रिकाल निरंतर लोक वन्दन,जय हनुमान ज्ञान गुण सागर,जय किपिस तिहुँ लोक उजगर,रामदूत अतुलित बल धामा,अंजनि पुत्र पवनसुत नामा….. पराक्रम से गूँजे त्रिभुवन,धरती पतल दुस्ट भंजन,जल...
मेंहदीपुर में चाली जाईए,बालाजी की अर्जी लाइए,सच्चे मन तं ध्यान लगाईए,रोग कटेगा तेरा है…… हो प्रेतराज दयावान घणे सं,दया करंगे तेरे प,आज्या गा हे तरस बाहण यो,भोले भाले चेहरे प,हे चरणां के महां शीश झुकाईए,रो...
मेरे बाबा ज्योत पे आजा,चाहे आज्या बाबा खड़ा खड़ा,चाहे आज्या बाबा खड़ा खड़ा…… भक्तां ने ज्योत जगाई,भक्तां ने ज्योत जगाई,दर्शन की आस लगाई,चाहे दर्शन देदे खड़ा खड़ा,मेरे बाबा ज्योत पे आज्या,चाहे आज्या बाबा खड़ा खड़ा……...
आइये आइये हो बालाजी,एक बार घाटे की तीन पहाड़ी पे…… तेरे नाम की खटक लगी मैं,मेंहदीपुर में आया,नहा धो क न पढुँ चालिसा,सच्चा ध्यान लगाया,तेरा प्यारा सा सजया दरबार,घाटे की तीन पहाड़ी पे,आइये आइये हों...
बाबा की दया से म्हारे ढोल बज गये,कोठी बंगले तो अनमोल सजगे…… मेंहदीपुर का स धाम निराला,किस्मत का यो खोलः र ताला,घाटे आले बाबा महारे मन रजगे,कोठी बंगले तो अनमोल सजग,बाबा की दया ते महारः...
हे मेरी बेटी तन्नै,अपणा यो हाल के बणा लिया,हो मेरे बाबा,संकट ने जी मेरा खा लिया……. के कारण क्युं रोई बेटी,उतरा तेरा चेहरा क्युं,भक्तां के महां घिरा रह स,मेरा लयोगे बेरा क्युं,हमने कितणी लाली अर्जी,बाबा...
ऐसी भक्ति नहीं किसी की,है जैसी हनुमान की…. चीर के छाती छवि दिखा दी,दीनानाथ श्री भगवान की,ऐसी शक्ति नहीं किसी की,है जैसी हनुमान की…. सब अपने प्रभु की खातिर,बात नहीं कोई अभिमान की,ऐसी भक्ति नहीं...
जय कपि बलवंता,प्रभु जय कपि बलवंता,सुर नर मुनिजन वंदित,सुर नर मुनिजन वंदित,पदरज हनुमंता,जय कपि बलवंता,प्रभु जय कपि बलवंता…… प्रौढ़ प्रताप पवनसुत,त्रिभुवन जयकारी,प्रभु त्रिभुवन जयकारी,असुर रिपु मद गंजन,असुर रिपु मद गंजन,भय संकट हारी,जय कपि बलवंता,प्रभु जय...
अंजनी माँ थारो लाल कठे,वो भक्ता रो प्रतिपाल कठे,वो संकट मोचन नाम कठे,दुनिया में बढ़ ग्यो पाप घणो,दुनिया में बढ़ ग्यो पाप घणो,वो राम भगत हनुमान कठे,अंजनी माँ थारो लाल कठे,वो भक्ता रो प्रतिपाल कठे,वो...
हे मारुती सारी राम कथा का,सार तुम्हारी आँखों में,हे मारुती सारी राम कथा का,सार तुम्हारी आँखों में,दुनिया भर की भक्ति का,भंडार तुम्हारी आँखों में,हे मारुती,हे मारुती सारी राम कथा का,सार तुम्हारी आँखों में…. जय जय...
तर्ज – सात फेरों के सातो वचन आओ हनुमान जी मेरे घर,पूरी कर दो प्रभु आस मेरी,कर दो मुझपे दया की नजरपूरी कर दो प्रभु आस मेरी…. याद कर लो प्रभु उस घड़ी को,दर्श दिया...